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बाबाजी के प्यारे जरूर पढ़ें जी- मन पर विजय पाना | Radha Soami Babaji Ki Sakhi

Radha Soami Babaji Ki Saakhi Dera Beas Hindi 2021

मन पर विजय पाना

     
रावलपिंडी का ज़िक्र है, एक बंगाली बाबू एक बड़े दफ़्तर में नौकरी करता था। वह बहुत ही प्रेमी और अभ्यासी था, एक बार जब बड़े महाराज जी ने उससे पूछा कि क्या मन वश में आया? क्या मन अंदर शब्द के साथ जुड़ता है? तो उसने कहा कि आया तो है, लेकिन बड़ी ही मुश्किल से आया है। आपने पूछा, किस तरह काबू मै आया? 

उस ने कहा हजुर जब मैं घर लौटता हूँ तो नहा-धोकर भजन पर बैठ जाता हूँ। और जब तक अंदर से लज़्ज़त नही आती, तब तक मै रोटी नही खाता हुं ओर नौकर से कह देता हूँ कि तू रोटी पका कर अपनी खा ले। मेरी रख कर सो जा, मेरा इंतज़ार मत करना। कभी-कभी रात के बैठे-बैठे सुबह के तीन बज जाते हैं, तब कही जाकर बिगड़ा मन ठहरता है। जब मन अंदर ठहरता है, तब लज़्ज़त आती है। इसके बाद मै उठ कर रोटी खाता हूँ, नही तो नही खाता हुं। 

हमें भी अपने मन को कुछ ऐसे ही काबू मै करना पड़ेगा, नहीं तो यह हमारे विनाश का कारण बन सकता है। सत्संग में भी फरमाया जाता है, कि मन से प्रेम पूर्वक काम लेना चाहिए। अगर हम इस से जोर-जबर्दस्ती करेंगे, तो यह उल्टा रिएक्शन करेंगा। इस लिए पहले हमें इसे अपना मित्र बनाना है और फिर धीरे-धीरे इससे अपने हिसाब से काम करवाना है। हमें इसके कहे अनुसार नहीं चलना है, बल्कि इसे अपने कहे अनुसार चलाना है। यह तभी संभव है, जब हम इसे अपना अच्छा और सच्चा मित्र बना कर रखें। क्योंकि मन हमारे बश मै है, तो इस के जैसा हमारा कोई मित्र नहीं है। 

अगर मन हमारे वश में नहीं है, तो इससे बड़ा हमारा कोई शत्रु नहीं है। इस लिए हमें अपने मन पर विजय पाना बहुच जरूरी है, अगर हम मन के कहे चलेंगे तो यह हमे भक्त्ति नही करने देगा। सभी महात्मा यही कहते आये हैं, कि अगर मन के कहे लगोगे तो यह हमे सीधा नरकों का भागी बना देगा। इस लिए करनी का पौधा लगाओ ओर उस में प्रेम का पानी तथा भजन सिमरन का खाद डालो। उसे पूरी जिंदगी बडा करने में लगा दो और जब वह बड़ा हो जाएगा। तो वह हमे मुक्ति वाला फल देगा, जिसे खाकर हमे और कुछ खाने की इच्छा नहीं रहेगी। 

हे स्वामी! तूने मुझे पाँच तोड़े (गुण) सौंपे थे, देख मैंने पाँच तोड़े और कमाये हैं। उस के स्वामी ने उस से कहा, धन्य हो तुम अच्छे और विशवास योग्य सेवक। अगर तू थोड़े में ओर मेरे विश्वास योग्य रहा; तो मैं तुझे बहुत सारी वस्तुओं का अधिकारी बनाऊँगा। हे मन तु अपने स्वामी के आनंद में शामिल हो ओर इधर-उधर मत भटक। इस लिये अपनी नज़र को बदलो, आप के नजारे बदलेंगे। बस आप खुद को बदलो, आप को देख हजारो बदलगें। बस "जुड़ जाओ सेवा, सिमरन ओर सत्संग से, देखना आप की किस्मत के फिर सितारे बदलेंगे।"


हउमै कर कर जाइसी,
जो आईआ जग माह।
सभ जग काजल कोठड़ी,
तन मन देह सुआह।
गुर राखे से निरमले,
सबदि निवारि बाह।।

Radha Soami ji sangat ji

Kaisi lagi apko ye saakhi, comment me jrur btayen ji.

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Radha Soami babaji ki sakhi dera beas 2021 in hindi

 

Radha soami babaji ki sakhi

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