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क्या कर्म भुगतने पड़ेंगे ? कर्म भोग। Kya Karmon Ka Bhugtan Krna Pdega। Radha Soami Hindi Sakhiyan

Radha Soami Babaji Ki Saakhiyan Dera Beas 2021 in Hindi 

Radha Soami Saakhi karmon ke bare me

 

कर्म भोग
बहुत ही प्यारी साखी, क्या कर्मों का फल भुगतना पड़ेगा

प्रारब्ध पहले रचा पीछे रचा शरीर तुलसी चिन्ता क्यो करे, भज ले श्री रघुबीर ।।
 
एक गुरूजी थे.हमेशा  ईश्वर के नाम का जाप किया करते थे काफी बुजुर्ग हो गये थे उनके कुछ शिष्य साथ मे ही पास के कमरे मे रहते थे जब भी गुरूजी को शौच; स्नान आदि के लिये जाना होता था वे अपने शिष्यो को आवाज लगाते थे और शिष्य ले जाते थे धीरे धीरे कुछ दिन बाद शिष्य दो तीन बार आवाज लगाने के बाद भी कभी आते कभी और भी देर से आते एक दिन रात को निवृत्त होने के लिये जैसे ही गुरूजी आवाज लगाते है, तुरन्त एक बालक आता है और बडे ही कोमल स्पर्श के साथ गुरूजी को निवृत्त करवा कर बिस्तर पर लेटा जाता है ।

 अब ये रोज का नियम हो गया एक दिन गुरूजी को शक हो जाता है कि, पहले तो शिष्यों को तीन चार बार आवाज लगाने पर भी देर से आते थे  । लेकिन ये बालक तो आवाज लगाते ही दूसरे क्षण आ जाता है और बडे कोमल स्पर्श से सब निवृत्त करवा देता है एक दिन गुरूजी उस बालक का हाथ पकड लेते है और पूछते कि सच बता तू कौन है ? मेरे शिष्य तो ऐसे नही हैं वो बालक के रूप में  स्वयं ईश्वर थे; उन्होंने गुरूजी को स्वयं का वास्तविक रूप दिखाया।

गुरूजी रोते हुये कहते है  : हे प्रभु आप स्वयं मेरे निवृत्ती के कार्य कर रहे है । यदि मुझसे इतने प्रसन्न हो तो मुक्ति ही दे दो ना प्रभु कहते है कि जो आप भुगत रहे है वो आपके प्रारब्ध है आप मेरे सच्चे साधक है हर समय मेरा नाम जप करते है इसलिये मै आपके प्रारब्ध भी आपकी सच्ची साधना के कारण स्वयं कटवा रहा हूँ.

गुरूजी कहते है कि क्या मेरे प्रारब्ध आपकी कृपा से भी बडे है; क्या आपकी कृपा, मेरे प्रारब्ध नही काट सकती है प्रभु कहते है कि, मेरी कृपा सर्वोपरि है; ये अवश्य आपके प्रारब्ध काट सकती है; लेकिन फिर अगले जन्म मे आपको ये प्रारब्ध भुगतने फिर से आना होगा यही कर्म नियम है इसलिए आपके प्रारब्ध स्वयं अपने हाथो से कटवा कर इस जन्म-मरण से आपको मुक्ति देना चाहता हूँ.

ईश्वर कहते है: प्रारब्ध तीन तरह के होते है मन्द, तीव्र तथा तीव्रतम. मन्द प्रारब्ध मेरा नाम जपने से कट जाते है तीव्र प्रारब्ध किसी सच्चे संत का संग करके श्रद्धा और विश्वास से मेरा नाम जपने पर कट जाते है । पर तीव्रतम प्रारब्ध भुगतने ही पडते है लेकिन जो हर समय श्रद्धा और विश्वास से मुझे जपते हैं; उनके प्रारब्ध मैं स्वयं साथ रहकर कटवाता हूँ और तीव्रता का अहसास नहीं होने देता हूँ.

Radha Soami Sangat ji agar apko ye babaji ki sakhiyan achi lagi ho to please share jrur kren ji

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