Radha Soami Babaji Ki Saakhi Dera Beas 2021 hindi sakhi
Vichaar - दुख सुख की असल परिभाषा हुज़ूर महाराज जी अपने सत्संग मे फरमाते है यदि कोई इंसान इस संसार मे बहुत सुखी नज़र आता है तो उसके अपने पिछले जन्मों के पुण्य अधिक है और पाप कम है। यदि कोई इंसान दुखी नज़र आरहा है तो पिछले जन्मों मे उसके पाप अधिक है पुण्य थोड़े है इस संसार में हमें कोई भी सुखी नज़र नहीं आता है हम रोज सड़को पर कंगालों की हालत देखते है आधी दुनिया रात को भूखी सड़को पर सोती है।
दुनिया मे कितनी बेरोजगारी है। कोई बीमारी के हाथो तंग आया हुआ है किसी ने कर्ज़ा लेना है किसी ने कर्ज़ा देना है।गरीब आदमी को खाना नहीं मिलता अमीर आदमी खा नही सकता है तरह तरह की बीमारी लगी हुई है।क्या इसे सुख कहते है।जहाँ देखो दुःख ही दुःख नज़र आता है। इंसान का सबसे बड़ा दुःख क्या है। बाप के कंधे पर बेटे का जनाजा। क्या इससे भी बड़ा कोई दुःख है ये एक दुनियावी दुःख है अब हम संत मत की दृष्टि कोण से देखे।बार बार जन्म लेना बार बार मरना क्या इससे बड़ा और कोई दुःख है जो हमारे माथे पर कलंक लगा हुआ है कैसे हम इस दुःख से निजात पा सकते है कबीर साहिब फरमाते है।
*अब की बार बख्श बन्दे को बहुरि भवजल फेरा*
हम सबकी ओर से प्राथना करते है हे परमात्मा इस बार हमे बख्श ले अब हममे ताक़त नहीं है बार बार जन्म लेने की बख्श ले बख्श ले। फरीद साहिब फरमाते है।
*फरीदा मै जाण्या दुःख मुझको दुःख सभाया जग ऊपर चढ़ के देख्या घर घर एहो अग*
फरीद साहिब कहते है मै तो समझता था कि मै ही दुखी हूँ लेकिन ऊपर की मंजिलो मे चढ़ कर देखा सारी दुनिया मुझसे भी ज़्यादा दुखी है अब सवाल उठता है सुखी कौन है किसे कहे हम सुखी। हमें इस संसार मे कोई दुखी नहीं कर सकता है अगर दुखी करती है तो हमारी इच्छाये तृष्णाए। जो एक रो पीट कर पुरी होती है तो मन दस और आगे रख देता है। बानी मे आया है।
*तुध बिन होर किछ माँगना सर दुख दुखा दे दुःख देहि नाम संतोखिया उतरे मन दी भूख*
हे परमात्मा अगर हम आपसे आपके अलाबा और कुछ माँगते है तो दुख माँगने लगे हुए है। हमें आप अपना नाम बख्शो अपना प्रेम बख्शो ताकि हमारी मन की सभी इच्छाये तर्शनाये खत्म हो जाए हमें संतोष आ जाए जिस इंसान के अंदर संतोष धन आ गया उसका लोक और परलोक दोनों सबर गया। उसे कोई दुखी नहीं कर सकता है उससे ज़्यादा कोई सुखी नहीं है।वो दुःख और सुख मे समान होता है यानि की सहज अबस्था प्राप्त कर लेता है। जिस इंसान ने नाम का आसरा ले लिया नाम को आधार बना लिया वो सबसे अधिक सुखी है।
*नानक दुखिया सब संसार सो सुखिया जो नाम आधार*
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