Radha soami babaji ki sakhi Dera Beas 2021 in Hindi
Baba Sawan Singh Ji Ki saakhi
सत्संगी परिवार और बाबा सावन सिंह जी की साखी….
एक बार की बात है | बाबा सावन सिंह जी अपनी कार में जा रहे थे | तो कार के बाहर उनकी नज़र पड़ी एक कार पंचर हो गई थी ।और उस कार का परिवार लोगों से मदद मांग रहा था | बाबा सावन सिंह जी ने अपनी कार को रोकने के लिए कहा | जैसे ही बाबा जी ने कार के बाहर आये तो उस परिवार के एक सदस्य ने बाकि लोगों को कहा के देखो कितना सुन्दर सरदार है | तो उनके पास बाबा जी आये और उनकी मदद करवा दी | अब जाने का वक़्त हो गया था तो उस परिवार में से एक सदस्य ने पूछा के सरदार जी आप कहां रहते हो और क्या काम करते हो | तो बाबा जी ने कहा के मैं ब्यास मैं एक छोटा सा सेवादार हूँ | मेरा नाम सावन सिंह है | इतना कहने के बाद परिवार वालों ने कहा के कभी मोका मिला तो जरूर आएंगे |
तो बाबा जी ने कहा के आपका सवागत है जब भी आओगे मेरा नाम ले लेना | इतना कह कर बाबा जी चले गए |
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एक साल बाद वो परिवार वाले अमृतसर घूमने के लिए जा रहे थे | तो उन्हों ने सोचा के ब्यास रास्ते में पड़ता है तो उन बाबा जी से भी मिल लेते है | वो शाम को ब्यास पहुँच गए और उनको ने बाहर खड़े सेवादार को कहा के हमे ” सेवादार सावन सिंह “ जी से मिलना है | तो वहां पर 4 सावन सिंह जी सेवादार थे तो उन्हों ने कहा के नहीं इनमे से कोई भी नहीं है |
फिर एक सेवादार ने कहा के जिसे आप मिलना चाहते हो क्या पता आज वो सेवा पर आये ही न हो |
तो परिवार वाले थोड़ा सा मायूस हो गए और आगे अमृतसर जाने की सोच रहे थे | फिर एक परिवार के सदस्य ने कहा के आऐ तो है ही इतनी दूर क्यों न कल का सत्संग ही सुन लेते हैं | जैसे अगले दिन बाबा सावन सिंह जी सत्संग करने के लिए गद्दी पर आये | वो परिवार के सदस्य देख के हैरान रह गए यह तो यहाँ के महाराजा है और हमे बोल रहे थे के में एक छोटा सा सेवादार हूँ |
फिर सत्संग खत्म होने के बाद वो बाबा जी से मिलने गए ज्यादा भीड़ होने की वजह से वो मिल नहीं पाये | तो उन्हें वो बात याद आई के बाबा जी ने कहा था की जब मुझे मिलना हो तो मेरा नाम ले लेना | उन्हों ने सेवादार को कहा के हमे बाबा जी से मिलना है सेवादार ने अन्दर जाकर बाबा जी से कहा के उनको अंदर बुलाओ | जैसे ही वो अंदर आये तो उन्हों ने बाबा जी को कहा के बाबा आप तो कह रहे थे के आप एक छोटे से सेवादार हो पर आप तो यहाँ के गुरु जी हो | तो बाबा जी ने उन्हें कहा के गुरु हमेशा अपनी संगत के लिए सेवादार होता है |
उसके बाद उस परिवार ने बाबा जी से नाम दान भी ले लिए | तभी तो कहते है के संतो का अपने प्यारो को अपनी तरफ खीचने के अलग ही अंदाज़ होता है |
Radha Soami Ji…
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