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सेवा का सौभाग्य। Radha Soami Sakhi

एक बार की घटना है बाबा जी कहीं पर कुछ काम करवा रहे थे संगत सेवा कर रही थी । 
डेरे के कुछ बड़ बड़े जत्थेदार और औहदेदार भी वहां मौजूद थे सेवा समाप्त होने के बाद सब सेवादार वहां से चले गए  ।
एक को छोड़ कर बाबा जी भी जब वहां से चलने लगे तो उन प्रबंधकों से बोले
इस सेवादार को भी गाड़ी में बिठा लो। 
वहां पर मौजूद लोग एक दुसरे का मुंह देखने लगे।
आखिर बाबा जी इस सेवादार को साथ क्यों ले जा रहे हैं…!!
अब गुरु का आदेश था तो उस सेवादार को साथ ले लिया । लेकिन अब गाड़ी में
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बैठने की जगह नहीं थी सेवादार ने कहा कोई बात नहीं दास आपके चरणों में नीचे ही बैठ जाएगा और वो नीचे ही बैठ गया और गाड़ी चल
पड़ी 
तभी किसी ने उस से व्यंग्य से पूछा क्यों भाई साहब आप केवल सेवा ही करते हो या कोई काम धंधा भी है….!! 
यह सुन कर वह सेवादार मुस्कराया और उस ने हाथ जोड़ कर बड़ी ही विनम्रता से कहा….!!
” दास तो सुप्रीम कोर्ट का एक छोटा सा जज है । सेवा का सौभाग्य तो कभी कभी हजूर सच्चे पातशाह की कृपा से बड़ी मुश्किल से ही मिलता है।” सभी एक दम अपनी सीटों से खड़े हो गये और उस सेवादार को सीट देने लगे। बाबा जी भी अपने शिष्यों को क्या क्या और कैसे कैसे सीख देते हैं
बात ये नहीं कि की आप क्या हो। सेवा में जाकर आप सेवक हो, क्योंकि से सौभाग्य किसी किसी को मिलता है

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3 Comments

  1. Very nice.. Mujhe sakhian padhna bahut psnd hai

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  2. Beautiful sakhies pl carry on inspiring us all.thanks

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    1. Thanx Rupinder for your kind words.. And sure i will

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