Radha Soami Babaji Ki Sakhi Radha Soami Ji
Radha Soami Hindi Sakhiyan
एक बादशाह था, वह जब नमाज़ के लिए मस्जिद जाता, तो 2 फ़क़ीर उसके दाएं और बाएं बैठा करते!
दाईं तरफ़ वाला कहता: “या अल्लाह! तूने बादशाह को बहुत कुछ दिया है, मुझे भी दे दे!”
बाईं तरफ़ वाला कहता: “ऐ बादशाह!अल्लाह ने तुझे बहुत कुछ दिया है, मुझे भी कुछ दे दे!”
दाईं तरफ़ वाला फ़क़ीर बाईं तरफ़ वाले से कहता: “अल्लाह से माँग! बेशक वह सबसे बैहतर सुनने वाला है!”
बाईं तरफ़ वाला जवाब देता: “चुप कर बेवक़ूफ़ ”एक बार बादशाह ने अपने वज़ीर को बुलाया और कहा कि मस्जिद में दाईं तरफ जो फ़क़ीर बैठता है वह हमेशा अल्लाह से मांगता है तो बेशक अल्लाह उसकी ज़रूर सुनेगा, लेकिन जो बाईं तरफ बैठता है वह हमेशा मुझसे फ़रियाद करता रहता है, तो तुम ऐसा करो कि एक बड़े से बर्तन में खीर भर के उसमें अशर्फियाँ डाल दो और वह उसको दे आओ!
वज़ीर ने ऐसा ही किया…
अब वह फ़क़ीर मज़े से खीर खाते- खाते दूसरे फ़क़ीर को चिड़ाता हुआ बोला: “हुह… बड़ा आया ‘अल्लाह देगा…’ वाला, यह देख बादशाह से माँगा, मिल गया ना? ”
अब वह फ़क़ीर मज़े से खीर खाते- खाते दूसरे फ़क़ीर को चिड़ाता हुआ बोला: “हुह… बड़ा आया ‘अल्लाह देगा…’ वाला, यह देख बादशाह से माँगा, मिल गया ना? ”
खाने के बाद जब इसका पेट भर गया तो इसने खीर से भरा बर्तन उस दूसरे फ़क़ीर को दे दिया और कहा: “ले पकड़… तू भी खाले, बेवक़ूफ़
अगले दिन जब बादशाह नमाज़ के लिए मस्जिद आया तो देखा कि बाईं तरफ वाला फ़क़ीर तो आज भी वैसे ही बैठा है लेकिन दाईं तरफ वाला ग़ायब है!
बादशाह नें चौंक कर उससे पूछा: “क्या तुझे खीर से भरा बर्तन नहीं मिला? ”फ़क़ीर: “जी मिला ना बादशाह सलामत, क्या लज़ीज़ खीर थी, मैंने ख़ूब पेट भर कर खायी!”
बादशाह नें चौंक कर उससे पूछा: “क्या तुझे खीर से भरा बर्तन नहीं मिला? ”फ़क़ीर: “जी मिला ना बादशाह सलामत, क्या लज़ीज़ खीर थी, मैंने ख़ूब पेट भर कर खायी!”
बादशाह: “फिर?
”फ़क़ीर: “फ़िर वह जो दूसरा फ़क़ीर यहाँ बैठता है मैंने उसको देदी, बेवक़ूफ़ हमेशा कहता रहता है: ‘अल्लाह देगा, अल्लाह देगा!
’बादशाह मुस्कुरा कर बोला: “बेशक, अल्लाह ने उसे दे दिया!
”इसी तरह हमें भी उस कुल मालिक से ही अरदास करनी चाहिए॥ राधा स्वामी जी ॥
’बादशाह मुस्कुरा कर बोला: “बेशक, अल्लाह ने उसे दे दिया!
”इसी तरह हमें भी उस कुल मालिक से ही अरदास करनी चाहिए॥ राधा स्वामी जी ॥
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