एक बार धृतराष्ट्र ने श्री कृष्ण जी से पूछा, " हे
भगवन, मुझे अपने 100 जन्मों तक का ज्ञात है, मैन ऐसा कोई कर्म नही किया कि मैं अंधा होउ। फिर मैं अंधा क्यों हु। कृपया मेरी समस्या का निवारण करें।
श्री कृष्ण बोले, "हे राजन, तुम्हे अपने 100 जन्मो का ज्ञात है, पर तुमने अपने 101 वें जन्म में कुछ ऐसा कर्म किया था कि तुम अंधे पैदा हुए।
धृतराष्ट्र बोले, " मुझे बताये भगवन मैने ऐसा क्या किया कि मैं अंधा पैदा हुआ।
श्री कृष्ण ने उनपे कृपा करके उन्हें उनके 101 वें जन्म में ले गए।
वहां धृतराष्ट्र देखते है कि वो जब एक बच्चे थे तब उन्होंने मजे के लिए एक कीड़े की आंख में तिनका मारकर उसे घायल करदिया। वो कीड़ा तड़प रहा था और वो मजे से हंस रहे थे।
ये सब देखकर धृतराष्ट्र बोले, " मैं समझ गया भगवन, किये हुए कर्म भुगतने पड़ेंगे।
हमारे कर्म ऐसी चीज होती है जो हमारा कभी पीछा नही छोड़ते। भजन सिमरन करने से कर्म कटते नही। बल्कि उनका बोझ हल्का हो जाता है। मालिक पे विश्वास होने से वो सारे कर्म हल्के लगने लगते है।
"इसलिए कहते है भगवान से मत डरो तो चलेगा। पर अपने कर्मों से जरूर डरना। क्योंकि किये हुए कर्मों का फल तो भगवान को भी भुगतना पड़ेगा।"
1 Comments
I like this way to do krma good so tat we got attached our soul with that divine power of the Lord
ReplyDelete