Radha soami babaji ki sakhi dera beas
Baba gurinder singh ji ki story in hindiये साखी वर्त्तमान सतगुरु के बारे में है। एक बार बाबा जी का प्रेमी था जो बहुत दूर रहता था और वो बहुत गरीब था।
वो जूते बनाने का काम करता था और हक़ हलाल की कमाई करता था। वो हर बार डेरे जाने की सोचता पर हर बार पैसों की कमी की वजह से जा नही पाता।
एक बार बाबा जी का हिमाचल में चक्कर लगा। उन्होंने सत्संग में दर्शन देने के बाद ड्राइवर को गाड़ी एक पहाड़ी की तरफ ले जाने को बोला। ड्राइवर ने भी बिना कोई सवाल जवाब किये बिना गाड़ी घुमा ली। गाड़ी एक पगडण्डी पर जाकर रुकी। आगे का रास्ता चलकर जाने वाला था। बाबा जी लगभग 4 से 5 किलोमीटर चलकर उस आदमी की झोपड़ी के पास पहुंचे।
वहां पास में ही उसकी दुकान थी। उसकी दुकान इतनी छोटी थी की बाहर खड़े आदमी का चेहरा नही दिखता था।
बाबाजी ने अपना जूता आगे करके साफ़ करने को बोला। उसने जूते को पोलिश करदिया। बाबाजी ने पूछा की कितने पैसे हुए। वो बोला की साहब 5 रुपए।
बाबाजी ने उसे 10 का नोट दिया।
उसने कहा कि साहब खुले नही है। 5 खुले दीजिये।
बाबाजी ने कहा कि तू बाकि के रखले कोई बात नही।
वो आदमी बोला की नही मैं 5 नही रख सकता, मेरे गुरु ने मेरे को हक़ हलाल की कमाई करने का हुकम दिया है।
बाबाजी बोले अच्छा कोन है तेरा गुरु।
वो बोला वही जो ब्यास में रहते है उनकी लंबी सफ़ेद दाड़ी है।
बाबाजी बोले अच्छा चलो बाहर आओ।
उसने सोचा मेने शायद सेठ के महंगे जूतों को ख़राब करदिया है और वो दुकान में और दुबककर बैठ गया और बाहर आने से मना करने लगा।
बाबाजी ने सिक्योरिटी को हुकम दिया की इसे बहार लेके आओ।
उन सबने उसे बहार निकाला। जब उस आदमी ने बाबाजी को साक्षात् अपने पास खड़े देखा तो वो फूट फूट कर रोने लगा। उसे यह एहसास हो गया कि वो जितना प्यार बाबाजी से करता है बाबाजी उससे दुगना प्यार उससे करते है।
प्यारी साद संगत जी अगर आप बाबाजी से प्यार करते है तो ये महिमा तो छोटी सी है। वो तो हर पल हर घडी हमारे साथ है।
1 Comments
Radha Soami ji
ReplyDeleteThat feel like Against One's time