Radha Soami Babaji Ki Saakhi Dera Beas Hindi 2021
Saakhi - कर्म और कर्ता
एक गुरू से शिष्य ने कहा: गुरूदेव ! एक व्यक्ति ने आश्रम के लिये गाय भेंट दी है। गुरू जी ने उस से कहा, अच्छा है हमे दूध पीने को मिलेगा। एक सप्ताह बाद शिष्य ने आकर गुरू जी से कहा, गुरू जी! जिस व्यक्ति ने गाय दी थी वह आज अपनी गाय को वापिस ले गया। गुरू जी ने शिष्य से कहा, अच्छा हुआ! हमे गोबर उठाने के झंझट से मुक्ति मिली।
'परिस्थिति' बदले तो अपनी 'मनोस्थिति' बदल लो, बस फिर क्या दुख सुख में बदल जायेगा। "सुख ओर दुख दोनो ही आख़िर हमारे मन के ही तो समीकरण हैं। "अंधे को मंदिर आया देख कर लोग हँस कर बोले, *"मंदिर में दर्शन के लिए आए तो हो। पर क्या भगवान को देख पाओगे? "अंधे ने उन से कहा, "क्या फर्क पड़ता है। जो मै अपने भगवान को देख नही सकता, तो क्या हुआ मेरा भगवान तो मुझे देख ही लेगा।"
द्रष्टि नहीं हमारा द्रष्टिकोण सकारात्मक होना चाहिए, अपने बुरे कर्मो से डरिये; ईश्वर से नही। क्योकि ईश्वर तो सदा हमे माफ कर ही देता है। जैसे एक बछड़ा सैकड़ो गायों में से भी अपनी माँ को ढूंढ ही लेता है, उसी प्रकार हमारे "कर्म भी अपने कर्ता" को आज नही तो कल ढूंढ ही लेते है। इस लिये कर्म करते समय जरुर सोचो, कि इस का फल एक ना एक दिन मुझे ही भुगतना है। किसी और को नही! पाप कर्म को बोया कर फल खाते मत खीज; वैसी खेती काटिये जैसा बोया बीज। पानी केरा बुदबुदा तस मानस की जात; उगते ही छिप जायेगा ज्यो तारा प्रभात।
महात्मा जन हमें समझाते हैं कि हमने अपने कर्मों की जिस प्रकार की खेती की है, या हम करेंगे। हमें उसी के अनुरूप उस खेती का फल मिलेगा। अगर हम बुरे कर्म करेंगे, तो हमें उसका नतीजा भी बुरा ही भुकतना पडेगा। और अगर हम सत्कर्म करते हैं, अच्छे कर्म करते हैं। या फिर सचे मन से लोक सेवा करते हैं, किसी बेसहारा की मदद करते हैं। तो हमें उस के एवज में अच्छा फल ही मिलेगा। इस लिए वह सीधे और साफ लफ्जो में, हमे यही समझा रहे हैं कि भाई जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल पाओगे। क्योंकि यह जो हमें मनुष्य देह का चोला मिला है, यह कुछ ही क्षणों या समय के लिए मिला है। इस का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा लो, इसे कुल मालिक की याद ओर भजन बंदगी में लगाओ। नहीं तो यूं ही समय बीत जाएगा और हमें बाद में पछताना पड़ेगा।
हमे बहुत ही छोटी सी जिंदगी मिली है साधक जनों, इस लिये अपने इस जीवन को छोटी-२ बातों में, निंदा चुगली में अहम में, वहम में, बेईमानी में, ईर्ष्या में, इत्यादि- कुकृत्यों में ही ना गंवाये। इस दुर्लभ मानव जीवन का सद उपयोग करो, इस से भजन सुमिरन करवाओ। जीओ और जीने दो, अच्छा बनो और अच्छा करो। कुल मालिक की भक्ति भी करो और सत्कर्म भी, तभ जा कर हमारे कर्मो के द्वारा हमारा उद्धार संभव हो पायेगा।
पापी कर्म कमावदे।
करदे हाए हाए।
नानक जिउ मखन मधानिए।
तिउ मथे धरमराये।
Radha Soami ji sangat ji
Kaisi lagi apko ye saakhi, comment me jrur btayen ji.
Aur achi sakhi padhne ke liye Radha Soami Sakhi Group ko join jrur kren ji
Radha Soami babaji ki sakhi dera beas 2021 in hindi
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