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बाबाजी के प्यारे जरूर पढ़ें जी - क्या है सिमरन का मोल | Radha Soami Sakhi Dera Beas

 Radha Soami Babaji Ki Saakhi Dera Beas Hindi 2021

सिमरन का मोल

 

सुमिरन हमे अपने मन द्वारा करना चाहिए और किसी दूसरे को सुनाई नहीं देना चाहिए। इस तरह सुमिरन करना एक आदत डालने की बात ही है, लगातार चलते रहने वाला सिमरन प्रेम और श्रद्धा भरे जीवन में प्रवेश का गुप्त द्वार है। जब सुमिरन लगातार चलता रहता है, तो हमें अपने अंदर दिव्य चेतना का अस्तित्व महसूस होने लगता है।

 यह अपने आप में ही हमारा भजन सिमरन बन जाता है, सद्गुरु के दिए नाम का प्रेम पूर्वक स्मरण करने से सतगुरु अंग-संग महसूस होंगे। सुमिरन सहज भाव से करना चाहिए, सुमिरन करने की गति इतनी तेज नहीं होनी चाहिए कि उसके साथ कदम मिलाना मुश्किल हो जाए और ना ही इतनी धीमी होनी चाहिए कि उसमें दूसरे विचार दखल अंदाजी करने लगे। 

जब मन पूरी तरह से सुमिरन में होता है, तो ऐसा महसूस होता है कि सद्गुरु एक स्नेह पूर्ण, सुखद भावना की तरह हमारे अंदर बाहर मौजूद है। जब अपने प्रतिदिन के काम करते हुए हम सतगुरु को हाजिर नाजिर महसूस करते हैं, तो सद्गुरु के साथ हमारे संबंध में क्रांतिकारी परिवर्तन आ जाता है। अर्थात परमात्मा और उस का नाम संसार की मीठी से मीठी और प्यारी और प्यारी चीजों से भी कहीं अधिक मीठा और प्यारा है। संसार की कोई भी वस्तु परमात्मा और उसके नाम की बराबरी नहीं कर सकती। इसलिए हमारा सुमिरन लगातार चलता रहना चाहिए, अगर हमारा सिमरन छूट गया तो समझो गुरु रूठ गया और जिसका गुरु रूठ जाये उसका क्या हाल होता है।

 यह तो सांई बुल्लेशाह जी से पूछो, कबीले वालों के पास जा कर नाचना गाना सीखा। पता चला कि गुरु इधर आ रहे है, तो वहां जाकर वेश बदल कर नाचना शुरू कर दिया। इतना नाचे कि थक कर गिरने  लगे, तब गुरु ने हाथ पकड़ कर संभाला और पूछा कि तु बूल्ला है। तो उन्होंने कहा कि मैं बुल्ला नहीं ••• मैं तां भुल्ला हां, गुरु जी ने उसी समय उनको अपने गले से लगा लिया। 

एक दिन का भी सिमरन में नागा हमें एक महीना पीछे कर देता है, इस लिए हमें हमेशा अपना ध्यान सिमरन भजन में रखना चाहिए। हर रोज हमे सिमरन भजन जरूर करना चाहिए, इस दुनिया में सुखी इंसान को ढूंढ पाना मुश्किल है। एक न एक फिक्र सभी को लगी ही रहती है और इंसान अपने को अभागा, दुखी और चिंताओं से घिरा हुआ पाता है। जो अपने ध्यान को अंदर ले जा चुका है और "शब्द" के साथ जुड़ चुका है, सिर्फ वही इंसान दुनिया की परेशानियों और चिंताओं से मुक्त है। 

इंसान जब यहां जन्म लेता है, तो उसका भाग्य उसके साथ ही आता है। यह भाग्य बदला नहीं जा सकता, इंसान को इसे भुगतना ही पड़ता है यह भाग्य उसका अपना ही बनाया हुआ है। जैसा बीज पहले उसने बोया है, वैसा फल अब वह काट रहा है। इस लिए अकल मंद इंसान अपने भाग्य को, धैर्य और हिम्मत के साथ सहन कर लेते हैं। जब कि मूर्ख उसी को रोते और चिल्लाते हुए भुगतते हैं, कलियुग में अगर सभी दुःखों को दूर करने वाला और सभी पापों को नाश करने वाला और कोई है। तो वह ""नाम"" है। इस लिए दिन-रात सोते जागते उठते बैठते मालिक के ""नाम"" का सुमिरन करो। बाकी सब काम आप के अपने आप ही सफल हो जायेंगे, पर्ण हो जायेंगे।

गुरु नाम दृढ़ाये रंग सिउ
हउ सतगुरु कै बलि जाउ,
बिन सतगुरु हरि नाम न लभई
 लख कोटी करम कमाउ ।।
 


Radha Soami ji sangat ji

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Radha Soami babaji ki sakhi dera beas 2021 in hindi
Radha soami sakhi


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