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Radha Soami Babaji Ki Saakhi- भ्रम में ना रहो। Bhram Me Na Raho

 Radha Soami Babaji ki Sakhi Dera Beas 2021

Saakhi- भ्रम में ना रहो


पूसा रोड दिल्ली सत्संग घर हुआ करता था, उसके बाद हजूर ने छतरपुर जगह ली और वहां पर सेंटर  बनाने का काम चल रहा था। हजूर महाराज चरण सिंह जी उस समय गद्दी पर सुशोभित थे, उनके एक बहुत ही नजदीकी पाठी निर्मल सिंह हुआ करते थे। निर्मल सिंह जी से मेरा बड़ा प्यार था, वो हर बात मुझ से शेयर करते थे। वो बहुत बुजुर्ग थे और मैं अभी कॉलेज से पढ़ाई कर रहा था। उन दिनो मै फरीदाबाद उनकी कंपनी में अकाउंटेंट के तौर पर काम करता था ओर मैं भी छतरपुर सत्संग सुनने जाया करता था। मै भी अपनी साइकिल पर हजूर के दर्शन करने जाया करता था, वही पर उन्होंने मुझे फेस टू फेस यह साखी सुनाई थी। जो आपसे शेयर करने जा रहा हूं ।

 उन्होंने बताया की फरीदाबाद की अरावली पहाड़ियों में अभी नया छतरपुर सेंटर जो बना है। वहां जंगल के बीच मे से रास्ता होकर गुजरता था, उन पहाड़ियों में एक शेर बड़ा ही आदमखोर था। हर जगह उस ने हाहाकार मचाया हुआ था और जब उस सत्संग घर का उदघाटन करने हजूर वहां गए। तब वह अपनी कार में बैठे थे, तो पाठी (निर्मल सिंह) जी भी उनके साथ कार की पिछली सीट पर बैठे थे। 

हुजूर ने फरमाया कि मैंने सुना है, यहां कोई आदमखोर शेर ने तबाही मचाई हुई है। मैने सुना है वह लोगों को उठा कर ले जाता है, फिर मार कर खा जाता है। और शिकारी उस के पीछे लगे हुए हैं, उसे मारने के लिए। अचानक कुछ दूरी पर बीच रास्ते में वह शेर आकर खड़ा हो गया और हजूर अपनी कार से तुरंत निकल कर बाहर आ गए। मैंने कहा हजूर यह शेर आदम खोर है, आप से विनती है कि आप बाहर ना जाए। मैं बुरी तरह से घबरा गया था, पर हजूर के मुख पर तेज था और मुस्कुराते हुए उन्होने कहा कुछ नहीं होगा। जैसे ही हजूर ने कार के बाहर कदम रखा, आस पास जितने भी सेवादार कार मै थे सब घबरा गए। यहां तक सिक्योरिटी गारड़ भी खड़े हो गये थे, सब हुजुर महाराज के आगे आ गए। 

मैं तो डर के मारे कार से ही निकल नहीं पा रहा था, लेकिन हजूर की हिम्मत देख कर मैं भी उन के साथ बाहर निकल आया। फिर कुछ दूरी पर शेर खड़ा था और हुजूर ने जिस तरह इंसान से बात करते हैं। ठीक बैसे ही उस से पूछा ठीक है, अब तो पेट भर गया या और खाने को चाहिए? इतना कहने के बाद शेर और हजूर की नजरें मिली, फिर शेर वहां से वापिस पहाड़ियों में चला गया और फिर दोबारा जिंदगी में कभी नजर नहीं आया। 

जब हम कार के अंदर बैठ गए तो पिछली सीट पर मैं भी उनके साथ बैठा था। मैंने पूछा "हजूर" इस राज से पर्दा उठायें, हजूर मुस्कुराए! बोले कुछ नहीं। फिर दोबारा जब मैंने पूछा, *तो उन्होंने बताया यह शेर पिछले जन्म मे एक इंसान था। इस ने नाम भजन ले लिया, लेकिन इस के मन में मांस खाने की इच्छा बहुत तेज थी। इस ने सोचा नाम ले लिया, तो क्या हुआ मांस तो खाना ही है? हजूर तो लेकर ही जाएंगे और यह मांस खाता रहा।*

 अब कर्मों के अनुसार तो हजूर ने उस को अगला जन्म शेर का दिया और कहा कि जितना तू खा सकता है! पेट भर के खा ले। अब क्योंकि इस के पीछे शिकारी घूम रहे थे, लोग इसे मारने के लिए दौड़ रहे थे। तो यह बेचारा इधर उधर भाग रहा था, जब हजूर उस तरफ आए तो यह उन से कह रहा था कि अब मुझे इस देह से छुड़वा दो। तब मैंने पूछा पेट भर गया या और कुछ खाना बाकी है? अंदर से विनती कर रहा था, कि मुझे और नहीं खाना इस लिए मैंने उसे कहा कि जाओ और यह अपना चोला आज ही छोड़ जाएगा। 

*इस साखी को सुनाने का मकसद मेरा सिर्फ यह है, कि जो सत्संगी नामदान लेकर भी मांस शराब ,नशे की आदत नहीं छोड़ सकते? या बुरे विचार नहीं छोड़ सकते, तो वह इस भ्रम में ना रहे कि हजूर उन को लेकर ही जाएंगे। मौजूदा सरकार ने भी यह कह दिया है, कि अगर भजन -सिमरन करोगे तो ही यहां से लेकर जाऊंगा। नहीं तो फिर दोबारा यही जन्म देकर, फिर आपको दुख ओर मुसीबतें उठानी होगी। तो इस जन्म का मकसद भी यही है, कि भजन -सिमरन करके रूहानी सफर तय किया जाए। और हुजूर की खुशियां प्राप्त की जाए। एक बार मौजूदा सरकार ने भी सत्संग में कहा था, कि आज तो मैं आप से वादा कर रहा हूं कि लेकर जाऊंगा। अगर नहीं लेकर जाऊं तो किस को पकड़ोगे?* तो इतने लोगों के बीच में किसी ने हिम्मत की और खडे़ होकर कहा हजूर आप को पकड़ेंगे। *तो हजूर ने माथे पर तीसरे तिल की तरफ इशारा करते हुए कहा, पहले यहां तो पहुंचो। हलाकि सवाल करने वाले भी वह आप ही हैं ओर जबाव भी खुद देते है। बाबा जी जिस से चाहे उस से बुलवा सकते हैं, कहला सकते हैं। वह दया करने वाला है, वही बक्षणहार है। हमें तो इस भ्रम से निकलना है ओर भ्रम को छोड़कर हमें  कुल मालिक की भक्ति में लीन हो जाना है।


व्रत नेम कर थाके पुनह चरना,

     तट तीरथ भवे सभ धरना।

से उबरे जो सतगुर की सरना।।


आने जाने के चक्र में जो जीव हैं, वे व्रत आदि नित नेम कर के देख चुके हैं। समस्त पवित्र नदियों के तट पर तीर्थ यात्रा कर, के भी देख लिया। पर वे ही उबरेंगे जो पूर्ण सतगुरु की सरण में आएंगे।।

Radha Soami Sangat ji

Apko ye babaji ki sakhi kaisi lagi hamein jrur btayen ji

Radha soami hindi sakhiyan 2021 dera beas

Baba Gurinder Singh Ji Sakhi Hindi font

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radha soami sakhi

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