Radha Soami Babaji Ki Sakhi Dera Beas
ब्यास से सतसंग करता जी का सतसंग था।..
*सतसंग के बीच मे आपजी के द्वारा फरमाया गया।*
*..कि घर मे जिस प्रकार से खाना बनाने के लिए अलग जगह होती हैं।*
*..नहाने व सोने के अलग से होती है ।*
*..ठीक उसी तरह भजन सिमरन के लिए भी अलग जगह होनी चाहिए।*
*..जिसको देखते ही आपको अपने प्यारे सतगुरु की याद आ जाये।*
*..और हमे भजन मे भी ऐसे ही बैठना है चाहिए जैसे कोई बच्चा लाख गलती करने के बाद भी जब घुटनों के बल बैठ कर अपनी मां गोद मे अपना सर रख देता है।*
*..हमें भी भजन सिमरन के वक्त अपना सर गुरु की गोद रखते हुए दुनिया को भूल जाना है।*
*..आप सोचो जब वो बच्चा तो वो माँ क्या करेगी उसके गुनाहो को ना देखते हुए उसे सीने से लगा लेगी।*
*..तो आप सोचो कि जब आप तिसरे तिल मे गुरु को बिठाकर सिमरन करते हुए अपना सर सतगुरु की गोद में रखोगे तो वो क्या करेगा.....*
*... ये कहते कहते सतसंग करता जी रोने लग गए..*
*..वो सत्संग कर्ता इतना रोए कि आगे का सतसंग भी बडी मुश्किल से फरमाया।*
*.. साथ ही सतसंग सुन रही संगत मे से भी कई सारी संगत भी फूट फूट कर रो रही थी।*
*.. हे मेरे मालिक ऐसा पल हर किसी के नसीब हो।*
*..जो तेरी याद मे रो के गुजरे ...*
🙏 Radha Soami ji 🙏
Babaji ki sakhi dera beas satsang 2019
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